क्या कभी आपके आँसू खुद-ब-खुद शब्दों में बदल गए हैं? आंसुओं की जुबानी – दिल छू लेने वाली शायरी (Aansu Shayari) में हम आपको मिलवाएंगे उन शायरियों से जो आपके दिल के दर्द और भावनाओं को बयां करती हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में आपको मिलेंगी ऐसी शायरियां जो आपकी आँखों के आंसू और दिल की आवाज़ को शब्दों में ढाल देंगी। पढ़ें और पाएं दिल को सुकून देने वाली शायरी का अनमोल खजाना।
आंसुओं की जुबानी - दिल छू लेने वाली शायरी (Aansu Shayari)
शायरी दिल की गहराइयों से निकलने वाले उन एहसासों की अभिव्यक्ति है जो हमारे मन की भावनाओं को शब्दों के माध्यम से व्यक्त करती है। आंसू शायरी एक ऐसी शायरी है जो हमारे दिल को छू जाती है और हमें आंसू बहाने पर मजबूर कर देती है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम इस शायरी के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे और आपको आंसू शायरी का एक बेहतरीन संग्रह प्रदान करेंगे।Aansu Shayari In Hindi - आंसू शायरी हिंदी में
अभी से क्यों छलक आये तुम्हारी आँख में आँसू,
अभी छेड़ी कहाँ है दास्तान-ए-ज़िंदगी मैंने।
जब लफ्ज़ थक गए तो फिर आँखों ने बात की,
जो आँखें भी थक गयीं तो अश्कों से बात हुई।
प्यास बुझ जाये ज़मीं सब्ज़ हो मंज़र धुल जाये,
काम क्या क्या न इन आँखों की तरी आये है।
तुम्हारी याद में आँसू बहाना यूँ भी जरूरी है,
रुके दरिया के पानी को तो प्यासा भी नहीं छूता।
बहुत अजीब हैं तेरे बाद की ये बरसातें भी,
हम अक्सर बन्द कमरे में भीग जाते हैं।
जो हैरान है मेरे सब्र पर उनसे कह दो.
जो आँसू जमीं पर नहीं गिरते दिल चीर जाते हैं।
फिर आज आँसुओं में नहाई हुई है रात,
शायद हमारी तरह ही सताई हुई है रात।
न जाने कौन सा आँसू मेरा राज़ खोल दे,
हम इस ख़्याल से नज़रें झुकाए बैठे हैं।
उसने बस यूँ ही उदासी का सबब पूछा था,
मेरी आँखों में सिमट आये समंदर सारे।
लिखना तो था कि खुश हूँ तेरे वगैर भी,
आँसू मगर कलम से पहले ही गिर पड़े।
बारिशें हो ही जाती हैं शहर में फ़राज़,
कभी बादलों से तो कभी आँखों से।
चैन मिलता था जिसे आ के पनाहों में मेरी,
आज देता है वही अश्क निगाहों में मेरी।
दिल की गहराइयों से निकली शायरी - Aansu Shayari 2 Lines
वहाँ से पानी की एक बूँद भी न निकली,
तमाम उम्र जिन आँखों को झील लिखते रहे।
पिरो दिये मेरे आँसू हवा ने शाखों में,
भरम बहार का वाकी रहा आँखों में।
बहना कुछ अपनी चश्म का दस्तूर हो गया,
दी थी खुदा ने आँख पर नासूर हो गया।
ये सानेहा भी मोहब्बत में बार-हा गुजरा,
कि उस ने हाल भी पूछा तो आँख भर आई।
कमजोर हुए अश्कों से घर के दरो-दीवार,
रोने के लिये लेंगे किराए का मकाँ और।
आज अश्क से आँखों में क्यों हैं आये हुए,
गुजर गया है ज़माना तुझे भुलाये हुए।
तू इश्क की दूसरी निशानी दे दे मुझको,
आँसू तो रोज गिर कर सूख जाते हैं।
अजीब कहर पड़ा अब के साल अश्कों का,
कि आँख तर ना हुई खूं में नहा कर भी।
देगा अगर दर्द तो खुद भी डूबेगा,
वो एक शख्स जो आँखों में रहता है।
जो आँसू आँख से अचानक निकल पड़ें,
वजह उनकी ज़बान से बयां नहीं होती।
उस अश्क की तासीर से अल्लाह बचाये,
जो अश्क आँखों में रहे और न बरसे।
जाहिर नहीं करता पर मैं रोज रोता हूँ,
शहर का दरिया मेरे घर से निकलता है।
शायद तू कभी प्यासा फिर मेरी तरफ लौट आये,
आँखों में लिए फिरता हूँ दरिया तेरी खातिर।
टपक पड़ते हैं आँसू जब तुम्हारी याद आती है,
ये वो बरसात है जिसका कोई मौसम नहीं होता।
निकल जाते हैं तब आँसू जब उनकी याद आती है,
जमाना मुस्कुराता है मोहब्बत रूठ जाती है।
हर बात पर नम हो जाती हैं आँखें मेरी अक्सर,
जहाँ भर के अश्क खुदा मेरी पलकों में रख भूला
सोचा ही नहीं था जिंदगी में ऐसे भी फसाने होंगे,
रोना भी जरुरी होगा आँसू भी छुपाने होंगे।
Best Aansu Shayari Status
कभी बरसात का मज़ा चाहो,
तो इन आँखों में आ बैठो,
वो बरसों में कभी बरसती है,
ये बरसों से बरसती हैं।
जिनके प्यार बिछड़े है
उनका सुकून से क्या ताल्लुक़,
उनकी आँखों में नींद नहीं
सिर्फ आँसू आया करते है।
तेरे ना होने से ज़िंदगी में
बस इतनी सी कमी रहती है,
मैं लाख मुस्कुराऊँ फिर भी
इन आँखों में नमी रहती है।
साथ बिताई तेरे संग वो
शाम सुहानी जिंदा है,
होंठ भले ही सूखे हों
पर आँख मे पानी जिंदा है।
आ देख मेरी आँखों के ये भीगे हुए मौसम,
ये किसने कह दिया कि तुम्हें भूल गये हम।
ना जाने आखिर इन आँसूओ पे क्या गुजरी,
जो दिल से आँख तक आये मगर बह ना सके।
क्या दुख है समुंदर को बता भी नहीं सकता,
आँसू की तरह आँख तक आ भी नहीं सकता।
इनको न कभी आँख से गिरने देता हूँ,
उनको लगते हैं मेरी आँख में प्यारे आँसू।
पलकों से पानी गिरा है तो उसे गिरने दो,
सीने में कोई पुरानी तमन्ना पिघल रही होगी।
दो चार आँसू ही आते हैं पलकों के किनारे पे,
वर्ना आँखों का समंदर गहरा बहुत है।
वो अश्क बन के मेरी चश्म-ए-तर में रहता है,
अजीब शख़्स है पानी के घर में रहता है।
आँसू कभी पलकों पर बहुत देर नहीं रुकते,
उड़ जाते हैं पंछी जब शाख़ लचकती है।
देख सकता है भला कौन ये प्यारे आँसू,
मेरी आँखों में न आ जाएँ तुम्हारे आँसू।
मेरा शहर तो बारिशों का घर ठहरा,
यहाँ की आँख हों या दिल बहुत बरसते हैं।
घास में जज़्ब हुए होंगे ज़मीं के आँसू,
पाँव रखता हूँ तो हल्की सी नमी लगती है।
आया ही था खयाल कि आँखें छलक पड़ीं,
आँसू किसी की याद के कितने करीब हैं।
तेरी मुस्कराहट तेरे कहकहे किसी और के थे,
जो तेरी आँखों से था टपका वो मैं था।
आँसू भी मेरी आँख के अब खुश्क हो गए,
तू ने मेरे खुलूस की कीमत भी छीन ली।
वापसी का सफ़र अब मुमकिन न होगा।
हम तो निकल चुके हैं आँख से आँसू की तरह।
कम नहीं हैं आँसू मेरी आँखों में मगर,
रोता नहीं कि उनमें उसकी तस्वीर दिखती है।
आँखों में कौन आ के इलाही निकल गया,
किस की तलाश में मेरे अश्क़ रवां चले।
दर्द के आंसू: दिल को छू जाने वाली शायरी
भर आई मेरी आँखे जब उसका नाम आया,
इश्क़ नाकाम सही फिर भी बहुत काम आया,
हमने मोहब्बत में ऐसी भी गुज़ारी कई रातें,
जब तक आँसू ना बहे दिल को आराम न आया।
आँखों में आंसुओं की लकीर बन गयी,
जैसी चाही थी वैसी ही तकदीर बन गयी,
हमने तो सिर्फ रेत में ऊँगली चलाई थी,
गौर से देखा तो आपकी तस्वीर बन गयी।
इतना तो ज़िंदगी में किसी की खलल पड़े,
हँसने से हो सुकून ना रोने से कल पड़े,
मुद्दत के बाद उसने जो की प्यार की निगाह,
जी खुश तो हो गया मगर आँसू निकल पड़े।
वो नदियाँ नहीं आंसू थे मेरे,
जिस पर वो कश्ती चलाते रहे,
मंजिल मिले उन्हें यह चाहत थी मेरी,
इसलिए हम आंसू बहाते रहे।
जिसे ले गई है अभी हवा
वो वरक़ था दिल की किताब का,
कहीं आँसुओं से मिटा हुआ
कहीं आँसुओं से लिखा हुआ।
सलीका हो अगर भीगी हुई
आँखों को पढ़ने का,
तो फिर बहते हुए आँसू भी
अक्सर बात करते हैं।
देख उनको चश्म-ए-नम
मैं खुश हुआ हूँ आज यूँ
है अभी उम्मीद-ए-उल्फत
कायम अपने दरमियां।
Gam Ke Aansu Shayari - गम के आंसू शायरी
सदियों बाद उस अजनबी से मुलाक़ात हुई,
आँखों ही आँखों में चाहत की हर बात हुई,
जाते हुए उसने देखा मुझे चाहत भरी निगाहों से,
मेरी भी आँखों से आंसुओं की बरसात हुई।
मुझको रुला कर दिल उसका रोया तो होगा,
उसकी आँखों में भी आँसू आया तो होगा,
अगर न किया कुछ भी हासिल हमने प्यार में,
कुछ न कुछ उसने भी खोया तो होगा।
क्या आये तुम जो आये घड़ी दो घड़ी के बाद,
सीने में होगी सांस अड़ी दो घड़ी के बाद,
क्या रोका अपने गिर्ये को हम ने कि लग गयी,
फिर वही आँसुओं की झड़ी दो घड़ी के बाद।
हमें आँसुओं से ज़ख्मों को धोना नहीं आता,
मिलती है ख़ुशी तो उसे खोना नहीं आता,
सह लेते हैं हर ग़म को जब हँसकर हम,
तो लोग कहते है कि हमें रोना नहीं आता।
पलकों के बंध तोड़ के दामन पे गिर गया,
एक अश्क मेरे ज़ब्त की तौहीन कर गया।
इत्तिफ़ाक़ समझो या मेरे दर्द की हकीक़त,
आँख जब भी नम हुई वजह तुम ही निकले।
रोने वाले तो दिल में ही रो लेते हैं,
आँखों में आँसू आयें ये ज़रूरी तो नहीं।
उसका अक्स आँखों में इस कदर बसा है,
बरसों आँसू बहे मगर तसवीर न धुली।
वापसी का सफ़र अब न मुमकिन होगा,
हम निकल चुके हैं आँख से आँसू की तरह।
प्यार कर के कोई जताए ये ज़रूरी तो नहीं,
याद कर के कोई बताये ये ज़रूरी तो नहीं,
रोने वाले तो दिल में ही रो लेते हैं अपने,
कभी आँख में आसूं आये ये ज़रूरी तो नहीं।
हर एक मुस्कुराहट मुस्कान नहीं होती,
नफरत हो या मोहब्बत आसान नहीं होती,
आँसू गम के और ख़ुशी के होते हैं एक जैसे,
इन आँसुओं की कोई पहचान नहीं होती।
मेरे दिल में न आओ वरना डूब जाओगे,
ग़म-ए-अश्कों के सिवा कुछ भी नहीं अंदर,
अगर एक बार रिसने लगा जो पानी,
तो कम पड़ जायेगा भरने के लिए समंदर।
क्या कहूँ दीदा-ए-तर ये तो मेरा चेहरा है,
संग कट जाते हैं बारिश की जहाँ धार गिरे।
कौन कहता है कि आंसुओं में वज़न नहीं होता,
एक भी छलक जाए तो मन हल्का हो जाता है।
हमें क्या पता था ये मौसम यूँ रो पड़ेगा,
हमने तो आसमां को बस अपनी दास्ताँ सुनाई है।
तुमने कहा था, आँख भर के देख लिया करो मुझे,
अब आँख भर आती है पर तुम नज़र नहीं आते।
सदफ की क्या हकीकत है, अगर उसमें न हो गौहर,
न क्यों कर आबरू हो आंख की मौकूफ आंसू पर।
मज़बूरी में जब कोई जुदा होता है,
ज़रूरी नहीं कि वो बेवफ़ा होता है,
देकर वो आपकी आँखों में आँसू,
अकेले में आपसे ज्यादा रोता है।
खामोश रहने दो लफ़्ज़ों को,
आँखों को बयाँ करने दो हकीकत,
अश्क जब निकलेंगे झील के,
मुक़द्दर से जल जायेंगे अफसाने।
मेरे दिल में न आओ वर्ना डूब जाओगे,
गम के आँसू का समंदर है मेरे अन्दर।
जब्त-ए-गम कोई आसान काम नहीं फराज,
आग होते है वो आँसू जो पिए जाते हैं।
क्या लिखूं दिल की हकीकत आरजू बेहोश है,
ख़त पे आँसू बह रहे हैं और कलम खामोश है।
हंसने की जुस्तजू में दबाया जो दर्द को,
आँसू हमारी आँख में पत्थर के हो गए।
एक तमन्ना जगी है इस मायूस दिल में आज,
आँसू के साथ हर एक ख्वाब भी बह जाए।
क्यूँ बदला हुआ है आज मेरे आँसुओ का रंग,
क्या दिल के ज़ख्म का कोई टाँका उधड़ गया।
मेरी आँखों में आँसू नहीं बस कुछ नमी है,
वजह तू नहीं बस तेरी ये कमी है।
काश आँसुओ के साथ यादें भी बह जाती,
तो एक दिन तसल्ली से बैठ कर रो लेते।
राह तकते हुए जब थक गई मेरी आँखें,
फिर तुझे ढूँढने मेरी आँख के आँसू निकले।
जब भी गुजरे हुए लम्हों की याद आएगी,
होंठ सी लूँगा मगर आँख तो भर आएगी।
एक आह पे मेरी गिरते थे जिनके हजारो आँसू,
आज वो भी मेरे ज़ख्मों पे मुस्कुराने लगे।
किसी को बताने से मेरे अश्क़ रुक ना पायेंगे,
मिट जायेगी जिंदगी मगर ग़म धुल न पायेंगे।
लगता है मैं भूल चुका हूँ मुस्कुराने का हुनर
कोशिश जब भी करता हूँ आँसू निकल आते हैं।
मुझे मालूम है तुमने बहुत बरसात देखी है,
मगर मेरी इन्हीं आँखों से सावन हार जाता है।
Conclusion
आंसुओं की जुबानी दिल छू लेने वाली शायरी (Aansu Shayari) हमारे दिल की गहराइयों से निकली हुई भावनाओं को व्यक्त करने का एक सजीव माध्यम है। इस शायरी के माध्यम से हम अपने दुख, दर्द, और अधूरे सपनों को बयां कर सकते हैं। शायरी हमारी भावनाओं को व्यक्त करने का एक सुंदर तरीका है और यह हमारे जीवन के विभिन्न रंगों को दर्शाती है।हमें उम्मीद है आपको हमारा दिल छू लेने वाली शायरी (Aansu Shayari) बहुत पसंन्द आया है अगर हाँ तो आप इसे जायदा से जायदा शेयर करें और अगर आपका कोई सवाल हो तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरुर बताये धन्यबाद।
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