मौसम (Mausam) हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है। यह न सिर्फ हमारे मूड को प्रभावित करता है, बल्कि हमारी भावनाओं को भी गहराई तक छूता है। चाहे वह बारिश की बूंदों की मधुर संगीत हो, गर्मी की तपती धूप हो, या सर्दियों की ठंडी हवा हो, हर मौसम अपने साथ एक अलग जादू लेकर आता है। इस ब्लॉग में, हम आपके लिए 100+ मौसम पर लिखी हुई शायरी (Mausam Shayari) लेकर आए हैं, जो आपके दिल को छू जाएगी। यह शायरी आपको मौसम के हर रंग को महसूस करने में मदद करेगी।
मौसम पर शायरी का महत्व (Importance of Shayari on Weather)
मौसम पर लिखी गई शायरी (Mausam Shayari) न सिर्फ प्रकृति के सौंदर्य को दर्शाती है, बल्कि यह हमारे अंदर छुपी भावनाओं को भी व्यक्त करती है। यह शायरी हमें प्रकृति के करीब लाती है और हमें उसकी खूबसूरती का एहसास कराती है।
100+ मौसम पर लिखी हुई शायरी | Best Mausam Shayari in Hindi
कम से कम अपनी जुल्फे तो बाँध लिया करो।कमबख्त. बेवजह मौसम बदल दिया करते हैं।।
सुहाने मौसम में दिल भी कहीं भटक जाता हैउस गली में ही कहि फिर से दिल अटक जाता है
जब तुम यूँ मुस्कुराते हुए आते हो,तो संग मौसम बाहर का लाते हो.
कोई मुझ से पूछ बैठा ‘बदलना’ किस को कहते हैं?सोच में पड़ गया हूँ मिसाल किस की दूँ? “मौसम” की या “अपनों” की!
सुहाना मौसम भी बिगड़ जाता हैआँधियों के चलने सेधोखेबाज भी बदल जाते हैधोखेबाजियों के चलने से
तपिश और बढ़ गई इन चंद बूंदों के बाद,काले स्याह बादल ने भी बस यूँ ही बहलाया मुझे।
विचार हो जैसा वैसा मंजर होता है,मौसम तो इंसान के अंदर होता है.
रुका हुआ है अज़ब धुप छाँव का मौसम,गुज़र रहा है कोई दिल से बादलों की तरह..!!
जो आना चाहो हज़ारों रास्तेन आना चाहो तो हज़ारों बहाने।मिज़ाज-ऐ-बरहम , मुश्किल रास्ताबरसती बारिश और ख़राब मौसम।।
अरे इतना भी मत सताओमौसम सुहाना है……थोड़े नखरे कम करोदूर क्यूँ हो, थोड़ा पास आजाओ।
कुछ तो हवा भी सर्द थीकुछ था तेरा ख़याल भी,दिल को ख़ुशी के साथ साथहोता रहा मलाल भी।
मौसम का मिजाज समझ में नही आता है,यह भी इंसानों की तरह बेवफा हो जाता है.
अपने किरदार को मौसम से बचाए रखना !लौट कर फूलों में वापस नहीं आती खुशबू.
लुत्फ़ जो उस के इंतज़ार में है।वो कहाँ मौसम-ए-बहार में है।।
जमाने भर का गम अपने कंधो पर उठा रखा हैनज़रों का कहर दिल में दबा रखा हैअपने मौसम को तो तूने सुहाना बना रखा हैहमारे मौसम को धुंए में जला रखा है
आज मौसम ने मूड सुहावना बना रखा हैचलो अंदर चलते है बेफ़िजूली बातों में क्या रखा है
इश्क़ में सुहाना लगता है हर मौसम,हर मौसम टूटे दिल को देता है सिर्फ़ गम.
बरसती बारिशों से बस इतना ही कहना हैके इस तरह का मौसम मेरे अंदर भी रहता है
तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे।मैं शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे।।
नीचे गिरे पत्ते भी सुख जाया करते हैसर्दी के मौसम में जोड़े भी रूठ जाया करते है
ये मौसम कितना प्यार है,खूबसूरत कितना यह नजारा है,इश्क़ करने का गुनाह हमारा है,मेरे सीने में धड़कता दिल तुम्हारा है.
काश तुझे सर्दी के मौसम मे लगे मुहब्बत की ठंड,और तू तड़प कर माँगे मुझे कम्बल की तरह..!
यूँ ही शाख से पत्ते गिरा नहीं करते,बिछड़ के लोग भी ज्यादा जिया नहीं करते।जो आने वाले हैं मौसम उनका एहतराम करो,जो दिन गुजर गए उनको गिना नहीं करते।।
बेईमान मौसम से पूछो कुछ हरकत कर रहा हैबताता नहीं क्या ……ये मेरे हमसफर से डर रहा है
सुहाने मौसम से मैं आज भी डरता हूँ,उसे भूलने की कोशिश आज भी करता हूँ.
जैसा मूड़ हो वैसा मंजर होता है..मौसम तो इंसान के अंदर होता है…
आज है वो बहार का मौसम,फूल तोड़ूँ तो हाथ जाम आए।।
इस सर्दी के मौसम ने भी बोहोत सताया हैफिर तेरी यादों ने भी नींदो से हमें जगाया हैठन्डे मौसम में भी हमे जोरों से रुलाया हैअकेलेपन से मुझे मेरे मित्रों ने ही तो बचाया है
आ देख मेरी आँखों के,ये भीगे हुए मौसम,ये किसने कह दिया कि तुम्हें भूल गये हम.
बलखाने दे अपनी जुल्फों को हवाओं में,जूड़े बांधकर तू मौसम को परेशां न कर.
मौसम को मौसम की बहारों ने लूटा,हमे कश्ती ने नहीं किनारों ने लूटा।।
भूली यादों को याद कर के आज रोया हूँभूले जख्मो को आज फिर से म भिगोया हूँतभी ठंडी के मौसम में भी लंबी चदर को तान सोया हूँ।
सतरंगी अरमानों वाले,सपने दिल में पलते हैं,आशा और निराशा की,धुन में रोज मचलते हैं,बरस-बरस के सावन सोंचे,प्यास मिटाई दुनिया की,वो क्या जाने दीवाने तोसावन में ही जलते है।
टूटे दिल से मत पूछों कौन-सा मौसम अच्छा लगता है,जब वो साथ होता है तो हर मौसम अच्छा लगता है
सुहाने से मौसम में, रूहानी सी बात कह गई,उससे प्यार नही करना था, मगर प्यार हो गई.
तुम मौसम की तरह बदल रही हो,मैं फसल की तरह बरबाद हो रहा हूँ..!!
कुछ आपका अंदाज है कुछ मौसम रंगीन है,तारीफ करूँ या चुप रहूँ, जुर्म दोनो संगीन है।।
दिसंबर में मौसम भी कति प्यारा होता हैहोता ठंडा है मगरफिर भी सबका दुलारा होता है।
मौसम गए सुकून गया ज़िन्दगी गईदीवानगी की आग में क्या-क्या गया न पूछ।।
मौसम पर लिखी हुई शायरी
इस ठंडे मौसम की बाहर बन करठंडी में भी गर्मी की फुहार बनकरशुर मय जीवन में छनकार बनकरतेरी मोहोब्बत में फसा हूँएक लाचार बनकर।
मौसम की तरह इंसान नही बदलते है,मौसम बदलने का पता चल जाता है,मगर इंसान के बदलने का पताबड़ी देर में चलता है.
जाता हुआ मौसम लौटकर आया है,काश वो भी कोशिश करके देखे?
तेरे इंतजार का मजा ही कुछ और हैअरे उसके आगे तो तेरे इस मौसम का मजा भी कमजोर है
कोई दिल में इस कदर उतर जाता है,जिसके बाद हर मौसम रंगीन नजर आता है,उसे ना देखों तो दिल बेचैन हो जाता है,उसे देख लो तो उस पर प्यार आता है
मौसम भी है सुहाना, बारिश भी हो रही है,बस एक कमी है तेरा मुझसे गले लग जाना।।
किसने कहा इश्क़ बेवफा होता है,किसने कहा इश्क़ सजा देता है,किसी के इश्क़ में पूरी तरह डूब कर देखोउसकी यादों का मौसम भी मजा देता है
कुछ तो मौसम-ए-हवा भी सर्द थी कुछ था तेरा ख्याल भी,दिल को खुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी।
बहुत ही सर्द है अब के दयार-ए-शौक़ का मौसम,चलो गुज़रे दिनों की राख में चिंगारियाँ ढूँडें।।
हँसाना नहीं बस रुलाना जानता हैये मौसम भी ना बस औरों को फसाना जानता है।
दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था,इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था.
मौसम ने बनाया है निगाहों को शराबी,
जिस फूल को देखूं वोही पैमाना हुआ है।।
इस हसीं शाम ने मौसम बना रखा हैवैसे पीता तो नहीं पर फिर भी …….नशा पूरा चढ़ा रखा है।
मौसम की मिसाल दूँ या तुम्हारीकोई पूछ बैठा है बदलना किसको कहते हैं।।
सर्दी में दिन सर्द मिलाहर मौसम बेदर्द मिला
Mausam Shayari in Hindi
जो उन मासूम आँखों ने दिए थेवो धोके आज तक मैं खा रहा हूँ
तब्दीली जब आती है मौसम की अदाओं में,किसी का यूँ बदल जाना बहुत ही याद आता है।।
मौसम की तरह बदलना तुम्ही ने सिखाया हैतभी तो आज ये चाँद तेरे लिए नहीं…….तेरी दोस्त के लिए आया है
आज मौसम कितना खुश गंवार हो गयाख़त्म सभी का इंतज़ार हो गया।बारिश की बूंदे गिरी इस तरह सेलगा जैसे आसमान को ज़मीन से प्यार हो गया।।
चांद का इशारा है चाँदनी मौसमआपका नहीं बस ये सिर्फ हमारा है।
हर किसी के जीवन में एक ऐसा वक़्त आता है,जिसे दिल से चाहों वो मौसम की तरह बदल जाता है.
मौसम की पहली बारिश में तुम मिले इस तरहजैसे धरती मिल गई हो आसमान सेजैसे बूँदों ने पहली बार किया हो ।आलिंगन माटी के सीने से और उसी माटी की सौंधीखुशबू की तरह फैल रहा है हर तरफ प्यार तेरा।।
दिल की बाते कौन जाने,मेरे हालात को कौन जाने,बस बारिश का मौसम है।पर दिल की ख्वाहिश कौन जाने,मेरी प्यास का एहसास कौन जाने?
मौसम शायराना अंदाज में कहता हैतेरी जुल्फों की लहरहाट देखदिल मेरा यूँ डग मगा सा गया हैतेरी नशीली आँखों का जहरइस दिल में समा सा गया हैतेरी करीबियों का ये आलमदिल घबरा सा गया हैकहना चाहते थे कुछ बातेहाय …… मन शर्मा सा गया है
कुछ अपना अंदाज है,कुछ मौसम रंगीन है,तारीफ करूँ या चुप रहूँजुर्म दोनो ही संगीन है.
महबूब के बिना हर मौसम उदास सा लगता है,महबूब हो पास तो हर मौसम ख़ास सा लगता है.
तेरे तसव्वुर की धूप ओढ़े खड़ा हूँ छत पर।मिरे लिए सर्दियों का मौसम ज़रा अलग है।
रिमझिम बरस पड़े हो तुम तो फुहार बन केआया है अब तो मौसम कैसा खुमार बन केमेरे दिल में यूँहीं रहना तुम प्यार प्यार बन के।।
इस सुहाने मौसम का थोड़ा एहतराम तो कर लेघर तेरे आयें है थोड़ा इंतजाम तो कर लेइन झूठी बातों पर थोड़ा लगाम तू कर लेसोचेगा क्या इतना अरे …….इंतजाम तो कर ले।
इन्सान हमेशा शिकायत करता है,कि ये मौसम अच्छा नही होता है,वो मौसम अच्छा होता है, लेकिनजब इंसान मेहनत करता है औरसफलता मिलती है तब हर मौसमअच्छा और रंगीन लगता है.
उस को भला कोई कैसे गुलाब दे।जिसके आने से बारिश का मौसम और गुलाबी हो जाता है।।
रंगरलियां करते हुए इस मौसम से पूछो जरामेरा महबूब के घर और गलियों का पताउनके अंदर के नेचर और फिलिंग का पताअरे मौसम रुक मत तू जल्दी बतामुझे लव है उन्हें क्या ये भी है पताप्यारे मौसम तू रुक मत चल जल्दी बता।
जिसे भीगने का डर होता है,वो बारिश का मजा कहाँ ले पाता है,जिसे बिछड़ने का डर होता है,वो सच्चा इश्क़ कहाँ कर पाता है.
शहर देखकर ही अब हवा चला करती है।अब इंसान की तरह होशियार मौसम होते हैं।।
जाते मौसम से ज़बान पूछतीकल फिर इसी अंदाज में लोट आओगे नाथोड़ा जल्दी नहीं पर देर से भी आ जाओगे नाथोड़ी मुश्किल होगी पर फिर चले आओगे नाअब कुछ बोल दो कल फिर से लोट आओगे ना
मेरे दिल को तोड़कर तू मिलने का बहाना न कर,दर्द हमने बहुत सहे है, इस मौसम को सुहाना न कर.
Best Hindi Shayari on Mausam
छु कर निकलती है जो हवाएँ तेरे चेहरे को,सारे शहर का मौसम गुलाबी हो जाता है।।
तेरे चेहरे को देख दिल में सवाल होता हैतेरी जुल्फों से भी हाय….. क्या कमाल होता हैगलों से भी दिल में बवाल होता हैपर तेर दिल को देख मुझको मलाल होता है
दिल खुश हो जाता था जिसके मुस्कुराने से,ये मौसम बेरंग हो गया है उसके छोड़ जाने से.
दूर जाकर भी मुझे तुम कितना सताते हो,इस सर्द मौसम में तुम बहुत याद आते हो
ये बारिश का मौसम, और तुम्हारी याद।चलो फिर मिलते है, एक कप चाय के साथ।।
मौसमी रंग भी कितना रंगीन होता हैठहरता है बस कुछ वक्त के लिएपर फिर भी ये मौसम हसीन होता है
जब इंसान की फितरत बदल रही हो तोये जरुरी नहीं की इंसान बदल गया,हो सकता है बाहर का मौसम बदल रहा हो।।
जो मजा आपके इन्तजार में है,वो कहाँ मौसम-ए-बहार में है,
कब तलक दिल में जगह दोगे हवा के ख़ौफ़ को।बादबाँ खोलो कि मौसम का इशारा हो चुका।।
आज मौसम भी बड़ी बेईमानी कर रहा हैखुद तो अच्छे से देख रहा है उन्हेंपर म देखूंतो परेशानी कर रहा है।
सर्द मौसम में आग लगाया ना करों,बाजार में जुल्फों को लहराया ना करों.
हमें इस सर्द मौसम में तेरी यादें सताती हैं।तुम्हें एहसास होने तक दिसंबर बीत जायेगा।।
तेरी जुल्फों के साये में कई मौसम गुजरे हैहम तो मर ही गए थे …..लेकिन जिए तेरे उस मौसम के सहारे है
मोहब्बत करने का कोई मौसम नही होता है,इस जमाने में कोई बेवफा हो जाएँ तो गम नही होता है.
जब बेवफाई का मौसम आता है,बात करने का लहजा बदल जाता है.
जब से तेरे ख़याल का, मौसम हुआ है दोस्तदुनिया की धूप-छाँव से आगे निकल गये।।
उदास जिन्दगी लगती है,उदास वक़्त लगता है,उदास ये मौसम लगता है,जब उदास तू लगता है.
अरे बारिश का मौसम भी कुछ बता रहा हैखुले बाल कर उनका यूँ मेरी तरफ चले आनाओह अरे……. मुझे शता रहा है।
इसमें मौसम का क्या कसूर है,जब मेरी चाहत ही मुझसे दूर है.
इस मौसम ने सबको सताया हैजो भीगा नहीं था …..आज उसको भी भिगाया हैकीचड़ में भिगाया हैनाले में बहाया हैइस मौसम ने सबको नचाया है
मंजर भी बेनूर थेऔर फिजायें भी बेरंग थी,तुम्हारी याद आयी औरमौसम सुहाना हो गया।।
इस मौसम से सब परेशान हैनाक में झरना और झरने पर रुमालये सब इसी मौसम की तो पहचान है
लोग कहते है कि –दिन छोटा होता है तब रातें लम्बी हो जाती है,मैं कहता हूँ कि –जब दिल टूटता है तब रातें लम्बी हो जाती है.
वाह मौसम तेरी वफा पे आज दिल खुश हो गया,याद-ए-यार मुझे आयी और बरस तू पड़ा
बगल वाली भाभी को देख कर कहता हैमौसम को रंगीन बना रखा हैफिगर को हसीन बना रखा हैजी चाहता है पा लूँ तुझे म आजपर क्या करूं बीवी ने पति से ज्यादामशीन बना रखा है।
बरसात के मौसम में खुद को भिगा दें,दिल बहुत रोया है, आखों को भी रूला दें.
प्यार करने का मौसम नहीं आता हैं,पर जब तुम सामने आते हो,तो हर मौसम मजेदार बन जाता हैं।।
मौसम बदलता है तुम भी बदल गये,ये नये जमाने का इश्क़ है हम भी बदल गये.
दर्द दर्द में कोई मौसम प्यारा नही होता,दिल हो प्यासा तो पानी से गुजारा नही होता,कोई देखे तो हमारी बेबसी,हम सभी के हो जाते हैं ,पर कोई हमारा नही होता।।
गर्मी वाले मौसमी मज़ेठंडे पानी से नहाने का मजाठंडी कुल्फी को खाने का मज़ानिम्बू पानी को बनाने का मज़ाभरी गर्मी में बत्ती जाने का मज़ा
मौसम का मजा तो गरीब लेते है,अमीरों को गर्मी, सर्दी औरबरसात के मौसम का पता हीकहाँ चलता है.
कुछ दर्द कुछ नमी कुछ बातें जुदाई की।गुजर गया ख्यालों से तेरी याद का मौसम।।
गर्मी के मौसम का भी एक पल आता हैजिसमे आधे कपड़े और ठंडे पानी का नल भाता है
प्यार के मौसम में जीवन बीत जाएँ,तो वो जिंदगी सबसे खूबसूरत है,एक तरफ़ा प्यार में जीवन बीत जाएँ,वो भी जिन्दगी हसीन है,मगर जिसको किसी से प्यार नही है,उसके जीना ही बेकार है.
एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरबाई भी।ऐसा तो कम ही होता है वो भी हो तन्हाई भी।।
हँसाना नहीं बस रुलाना जनता हैहाय ये गर्मी का मौसम बस … जलाना जानता है
बाहर के मौसम से यूँ भी बेखबर होया न कर,किसी की यादों में यूँ भी दिन-रात खोया न कर.
कोई मौसम हो दिल-गुलिस्ताँ में।आरज़ू के गुलाब ताज़ा हैं।।
किसने जाना है बदलते हुए मौसम का मिज़ाज।उसको चाहो तो समझ पाओगे फ़ितरत उसकी।।
उदास ज़िन्दगी, उदास वक्त, उदास मौसम।कितनी चीज़ों पे इल्ज़ाम लग जाता है तेरे बात न करने से।।
साहिल. रेत. समंदर लहरें बस्ती .जंगल सहरा दरियाखुशबू मौसम फूल दरीचे बादल सूरज चाँद सितारेआज ये सब कुछ नाम तुम्हारे।।
अच्छा सुनो तुम अपना जरा ध्यान रखना,अभी मौसम बीमारी का भी हैं और इश्क का भी।।
टपक पड़ते हैँ आँसू जब किसी की याद आती है।ये वो बरसात है जिसका कोई मौसम नहीँ होता।।
शहर में बिखरी हुई हैं, ज़ख्म-ए-दिल की खुशबुएँ,ऐसा लगता है के दीवानों का मौसम आ गया।।
जुदाई की रुतों में सूरतें धुंधलाने लगती हैं,सो ऐसे मौसमों में आइना देखा नहीं करते।।
वही पर्दा, वही खिड़की,वही मौसम,वही आहट। शरारत है,शरारत है, शरारत है,शरारत है।
Also Read - Best Mausam Shayari in Hindi 100+ मौसम पर लिखी हुई शायरी
सर्द मौसम में छनी हुयी धुप सी लगते हो।कोई बादल हरे मौसम का फ़िर ऐलान करता है।।
इससे पहले कहीं रूठ न जाएँ मौसम अपने।धड़कते हुए अरमानों एक सुरमई शाम दे दें।।
मौसम अच्छा हो गया है,लगता है मेरी जिंदगी मेंतुम आने वाले हो।।
मौसम इस कदर खुमारी मे है।मेरा शहर भी शिमला होने की तैयारी में है।।
बालकनी से बाहर आकर कर देखो ये जानेजाना।मौसम तुम से मेरे दिल की बात कहने आया है।।
रंग पैराहन का खुश्बू जुल्फ लहराने का नाम।मौसम-ए-गुल है तुम्हारे बाम पर आने का नाम।।
बदला जो रंग उसने हैरत हुयी मुझे।मौसम को भी मात दे गयी फ़ितरत जनाब की।।
हमें क्या पता था, ये मौसम यूँ रो पड़ेगा।हमने तो आसमां को बस अपनी दास्ताँ सुनाई है।।
वाह मौसम आज तेरी अदा परदिल को प्यार आ गया, वो पास आई,और तू बारिश बनकर बरस गया।।
क्यों आग सी लगा के गुमसुम है चाँदनी,सोने भी नहीं देता मौसम का ये इशारा।।
उसे छुआ तो दिसम्बर में प्यास लगने लगी।कि उसके ज़िस्म का मौसम तो जून जैसा है।।
कहानी बस इतनी सी थी तेरी मेरी मोहब्बत की।मौसम की तरह तुम बदल गएऔर फसल की तरह हम बरबाद हो गए।।
धूप भी खुल के कुछ नहीं कहती ,रात ढलती नहीं थम जाती है।सर्द मौसम की एक दिक्कत है ,याद तक जम के बैठ जाती है।।
क्यूँ किसी की यादों को सोच कर रोया जाए,क्यूँ किसी के ख्यालों में यूँ खोया जाए।बाहर मौसम बहुत ख़राब हैं,क्यूँ न रजाई तानकर सोया जाए।
लो बदल गया मौसम।हूबहू तुम्हारी तरह।।
जब जब आता है यह बरसात का मौसम,तेरी याद होती है साथ हरदम।इस मौसम में नहीं करेंगे याद तुझे यह सोचा है हमने,पर फिर सोचा की बारिश को कैसे रोक पाएंगे हम।।
हम कि रूठी हुई रुत को भी मना लेते थे।हम ने देखा ही न था मौसम-ए-हिज्राँ जानाँ।।
कहीं फिसल ना जाओ ज़रा संभल के रहना।मौसम बारिश का भी है और मुहब्बत का भी।
बरसता, भीगता मौसम है कमज़ोरी मेरी लेकिन,मैं ये रिमझिम, घटा, बादल तुम्हारे नाम करता हूँ।।
मौसम शायरी से जुड़े 10 सवाल और जवाब
Q: मौसम पर शायरी क्यों लिखी जाती है?
A: मौसम पर शायरी (Mausam Shayari) लिखी जाती है क्योंकि यह प्रकृति के साथ हमारे भावनात्मक जुड़ाव को दर्शाती है। यह हमें मौसम के हर पल को महसूस करने में मदद करती है।
Q: बारिश पर शायरी कैसे लिखें?
A: बारिश पर शायरी (Barish Shayari) लिखने के लिए बारिश की बूंदों, उसकी खुशबू, और उससे जुड़ी यादों को शब्दों में पिरोएं।
Q: सर्दी पर शायरी क्या है?
A: सर्दी पर शायरी (Sardi Shayari) सर्दियों की ठंडक, कोहरे, और गर्मजोशी के एहसास को व्यक्त करती है।
Q: गर्मी पर शायरी कैसे लिखी जाती है?
A: गर्मी पर शायरी (Garmi Shayari) गर्मी की तपिश, प्यास, और छांव की तलाश को दर्शाती है।
Q: मौसम शायरी कहां से पढ़ें?
A: आप इस ब्लॉग पर 100+ मौसम पर लिखी हुई शायरी (Mausam Shayari) पढ़ सकते हैं।
Q: मौसम शायरी किसने लिखी है?
A: मौसम शायरी (Mausam Shayari) कई प्रसिद्ध शायरों जैसे मिर्जा गालिब, फैज अहमद फैज, और राहत इंदौरी ने लिखी है।
Q: मौसम शायरी का क्या महत्व है?
A: मौसम शायरी (Mausam Shayari) हमें प्रकृति के करीब लाती है और हमारी भावनाओं को व्यक्त करने में मदद करती है।
Q: क्या मौसम शायरी रोमांटिक हो सकती है?
A: हां, मौसम शायरी (Mausam Shayari) रोमांटिक हो सकती है, खासकर बारिश और सर्दी पर लिखी गई शायरी।
Q: मौसम शायरी कैसे याद करें?
A: मौसम शायरी (Mausam Shayari) को याद करने के लिए उसे बार-बार पढ़ें और उसके अर्थ को समझें।
Q: मौसम शायरी कैसे शेयर करें?
A: आप इस ब्लॉग को अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर कर सकते हैं।
मौसम (Mausam) हमारे जीवन का एक खूबसूरत हिस्सा है, और इस पर लिखी गई शायरी (Mausam Shayari) हमें इसकी गहराई को समझने में मदद करती है। उम्मीद है कि यह संग्रह आपको पसंद आया होगा। इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें और उन्हें भी मौसम के इस अनोखे जादू से रूबरू कराएं।
अगर आपको यह ब्लॉग पसंद आया हो, तो हमारे अन्य आर्टिकल्स भी पढ़ें:
Tags - Best Hindi Shayari on Mausam, मौसम शायरी, Mausam Shayari in Hindi, बारिश पर शायरी, सर्दी पर शायरी, गर्मी पर शायरी, प्रकृति शायरी, हिंदी शायरी, Weather Shayari, Emotional Shayari on Mausam, Best Hindi Shayari Collection – सभी को एक साथ पढ़ें और महसूस करें मौसम का जादू.