नफ़रत एक ऐसा जज़्बात है जो प्यार के बाद दिल में जन्म लेता है। जब प्यार बेवफाई, धोखे या गलतफहमी की वजह से टूटता है, तो दिल में नफ़रत का जन्म होता है। ये नफ़रत शायरी उन्हीं जज़्बातों को शब्द देती है, जो हम बोल नहीं पाते। इस ब्लॉग में हम आपके लिए लेकर आए हैं 100+ Best Nafrat Shayari हिंदी में, जो आपके दिल के हर एहसास को बयां करेगी। इन्हें पढ़ें, महसूस करें और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।
100+ Best Nafrat Shayari in Hindi
जब चाहा उसने अपना बनाया मुझेमन भरने पर उसने ठुकराया मुझेगुस्सा आता था सिर्फ उसके झूठे प्यार परअब नफरत करना उसने सिखाया मुझे !!
क़त्ल तो लाजिम हैइस बेवफा शहर मेंजिसे देखो दिल मेंनफरत लिये फिरता है !!
Nafrat Shayari For Girlfriend
उसे प्यार का एहसास दिलाने के लिएमेरा सब कुछ खो गयापर नफरत तो सिर्फ दिखाई थीन जाने ब्रेकअप कैसे हो गया !!
नफ़रत हो जायेगी तुझेअपने ही किरदार सेअगर मैं तेरे ही अंदाज मेंतुझसे बात करुं !!
इस टूटे दिल में अब कभीकोई और नहीं होगातुमसे नफ़रत के बाद अब कोईदिलदार नहीं होगा !!
नफरत का वार मुझ पर ज़ोर सेमारना क्योंकिनफरत मुझसे टकराकर प्यार मेंबदल जाती है !!
लेकर के मेरा नामवो मुझे कोसता हैनफरत ही सही परवो मुझे सोचता तो है !!
कुछ इस अदा से निभाना हैकिरदार मेरा मुझकोजिन्हें मुहब्बत ना हो मुझसेवो नफरत भी ना कर सके !!
कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा थासब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा थासुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है!
तुम्हे पता था की मुझेतोड़ना इतना आसान नहींइसलिए तुमने प्यार काफ़रेबी खेल खेला मेरे साथ !!
खुदा सलामत रखना उन्हेंजो हमसे नफरत करते हैंप्यार न सही नफरत ही सहीकुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे करते हैं।
Nafrat Shayari 2 Line
कुछ लोग तो मुजसे सिर्फ इसलिए भी नफरत करते हैंक्योंकि बहुत सारे लोग मुझसे प्यार करते हैं!
वो नफरतें पाले रहे हम प्यार निभाते रहे,लो ये जिंदगी भी कट गयी खाली हाथ सी।
हाँ मुझे रस्म ए मोहब्बत का सलीक़ा ही नहींजा किसी और का होने की इजाज़त है तुझे।
बैठकर सोचते हैं अब कि क्या खोया क्या पायाउनकी नफरत ने तोड़े बहुत मेरी वफ़ा के घर।
नफ़रत हो जायेगी तुझे अपने ही किरदार सेअगर मैं तेरे ही अंदाज में तुझसे बात करुं।
तेरी नफरतों को प्यार की खुशबु बना देतामेरे बस में अगर होता तुझे उर्दू सीखा देता।
इश्क़ या खुदा को दिल में बसा लो दिल सेनफरत हमेशा के लिए खत्म हो जायेगी।
तुझे प्यार भी तेरी औकात से ज्यादा किया थाअब बात नफरत की है तो नफरत ही सही!
नफरत करने वाले भी गज़ब का प्यार करते हैंमुझसे जब भी मिलते हैं कहते हैं कि तुझे छोड़ेंगे नहीं ।
किसी ने मुझसे पूछा तुम्हारा शौक क्या है मैने हंसकर कहा नफरत करने वालों से मोहब्बत करना !
देख कर उसको तेरा यूँ पलट जानानफरत बता रही हैतूने मोहब्बत गज़ब की की थी!
Nafrat Shayari in Hindi
उसने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया
कितने रिश्ते उसकी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ
कितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया है
कितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ।
चाह कर भी मुँह फेर नहीं पा रहे हो
नफरत करते हो या इश्क निभा रहे हो!
वो वक़्त गुजर गया जब मुझे तेरी आरज़ू थी
अब तू खुदा भी बन जाए तो मैं सज़दा न करूँ।
कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा था
सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था
सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है
जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था!
मोहब्बत करने से फुरसत नहीं मिली दोस्तो
वरना हम करके बताते नफरत किसको कहते हैं।
न मोहब्बत संभाली गई न नफरतें पाली गईं
अफसोस है उस जिंदगी का जो तेरे पीछे खाली गई।
तुम नफरत का धरना कयामत तक जारी रखो
मैं प्यार का इस्तीफा जिंदगी भर नहीं दूंगा।
ज्यादा कुछ नहीं बदला उनके और मेरे बीच में
पहले नफरत नहीं थी अब मोहब्बत नहीं हैं।
जो आदमी लिमिट में रहता हैं
वो ज़िन्दगी भर लिमिट में ही रह जाता हैं!
देखना मेरी तुम्हारी नफरतों में
खाख ना हो जाए सबकुछ
हम दोनो को भी आखिर में
रहना तो है इसी बस्ती में।
कैसे उन्हें भुलाऊँ मोहब्बत जिन्हों ने की
मुझ को तो वो भी याद हैं नफ़रत जिन्हों ने की!
अजीब सी आदत और गजब की फितरत है मेरी
मोहब्बत हो कि नफरत हो बहुत शिद्दत से करता हूं!
पूरी दुनिया नफरतों की
आग में जल रही है
फिर भी ना जाने क्यों
लोगों को ठंड लग रही है।
ग़ज़ब की एकता देखी लोगों की ज़माने में
ज़िन्दों को गिराने मुर्दों को उठाने में!
प्यार करता हूँ इसलिए फ़िक्र करता हूँ
जो नफ़रत करता तो तेरा जिक्र तक न करता।
मुझे ऑनलाइन देखते ही तेरा
ऑफलाइन हो जाना उफ़
यह तेरी डिजिटल नफरत!
जो मुझसे नफरत करते हैं शौक से करें।
हर शख्स को मैं अपनी मोहब्बत के काबिल नहीं समझती।।
नफरतों को जलाओ मोहोब्बत की रौशनी होगी
वरना इंसान जब भी जले हैं ख़ाक ही हुए है!
हमसे नफरत तभी करना
जब आप हमारे बारे मैं जानते हो
तब नहीं जब किसी से सुना हो।
हमें नफ़रत पसंद है
लेकिन दिखावे का प्यार नहीं।
नफरत हमने सीखी नही कभी दिल से।
हम तो बस मौहब्बत ही रखते है हर किसी से।।
ना जाने क्यु कोसते है लोग बदसुरती को
बरबाद करने वाले तो हसीन चेहरे होते है
हाथ में खंजर ही नहीं आंखो मे पानी भी चाहिए
ऐ खुदा मुझे दुश्मन भी खानदानी चाहिए!
जिस क़दर नफ़रत बढ़ाई उतनी ही क़ुर्बत बढ़ी
अब जो महफ़िल में नहीं है वो तुम्हारे दिल में है!
वो लोग अपने आप में कितने अज़ीम थे
जो अपने दुश्मनों से भी नफ़रत न कर सके!
उसकी नफरतों को धार किसने दी
महबूब के हाथों तलवार किसने दी!
मेरे दिल को यु कैद ना कर ए पगली
दिल के नवाब हेए तेरे पिंजरे के पंछी नही!
छोटी सी इस कहानी को
एक और फ़साना मिल गया
उनको हमसे नफ़रत का
एक और बहाना मिल गया!
होते हैं शायद नफरत में ही पाकींजा रिश्तें वरना
अब तो तन से लिबास उतारने को लोग मोहब्बत कहते हैं !!
जिसके अहंकार पुरखो की कमाई पर पले है
आज वो हमसे नफरत की लड़ाई जीतने चले है!
मुझसे नफरत ही करनी है तो इरादे मजबूत
रखना ज़रा से भी चुके तो मोहब्बत हो जाएगी!
निष्कर्ष (Conclusion)
नफ़रत शायरी हमारे दिल के उन जज़्बातों को शब्द देती है जिन्हें हम अक्सर छुपा लेते हैं। ये शायरी न सिर्फ़ हमें हल्का महसूस कराती है, बल्कि हमें ये एहसास भी दिलाती है कि हम अकेले नहीं हैं। उम्मीद है कि ये 100+ बेस्ट नफ़रत शायरी आपको पसंद आएंगी। इन्हें पढ़ें, महसूस करें और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।
अगर आपको ये ब्लॉग पसंद आया हो, तो इसे शेयर करें और हमें कमेंट में बताएं कि आपको कौन सी शायरी सबसे ज़्यादा पसंद आई।